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Sura 28
Aya 78
78
قالَ إِنَّما أوتيتُهُ عَلىٰ عِلمٍ عِندي ۚ أَوَلَم يَعلَم أَنَّ اللَّهَ قَد أَهلَكَ مِن قَبلِهِ مِنَ القُرونِ مَن هُوَ أَشَدُّ مِنهُ قُوَّةً وَأَكثَرُ جَمعًا ۚ وَلا يُسأَلُ عَن ذُنوبِهِمُ المُجرِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो क़ारुन कहने लगा कि ये (माल व दौलत) तो मुझे अपने इल्म (कीमिया) की वजह से हासिल होता है क्या क़ारुन ने ये भी न ख्याल किया कि अल्लाह उसके पहले उन लोगों को हलाक़ कर चुका है जो उससे क़ूवत और हैसियत में कहीं बढ़ बढ़ के थे और गुनाहगारों से (उनकी सज़ा के वक्त) उनके गुनाहों की पूछताछ नहीं हुआ करती