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Sura 28
Aya 48
48
فَلَمّا جاءَهُمُ الحَقُّ مِن عِندِنا قالوا لَولا أوتِيَ مِثلَ ما أوتِيَ موسىٰ ۚ أَوَلَم يَكفُروا بِما أوتِيَ موسىٰ مِن قَبلُ ۖ قالوا سِحرانِ تَظاهَرا وَقالوا إِنّا بِكُلٍّ كافِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मगर फिर जब हमारी बारगाह से (दीन) हक़ उनके पास पहुँचा तो कहने लगे जैसे (मौजिज़े) मूसा को अता हुए थे वैसे ही इस रसूल (मोहम्मद) को क्यों नही दिए गए क्या जो मौजिज़े इससे पहले मूसा को अता हुए थे उनसे इन लोगों ने इन्कार न किया था कुफ्फ़ार तो ये भी कह गुज़रे कि ये दोनों के दोनों (तौरैत व कुरान) जादू हैं कि बाहम एक दूसरे के मददगार हो गए हैं