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Sura 28
Aya 47
47
وَلَولا أَن تُصيبَهُم مُصيبَةٌ بِما قَدَّمَت أَيديهِم فَيَقولوا رَبَّنا لَولا أَرسَلتَ إِلَينا رَسولًا فَنَتَّبِعَ آياتِكَ وَنَكونَ مِنَ المُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

(हम रसूल बनाकर न भेजते) यदि यह बात न होती कि जो कुछ उनके हाथ आगे भेज चुके है उसके कारण जब उनपर कोई मुसीबत आए तो वे कहने लगें, "ऐ हमारे रब, तूने क्यों न हमारी ओर कोई रसूल भेजा कि हम तेरी आयतों का (अनुसरण) करते और मोमिन होते?"