You are here: Home » Chapter 28 » Verse 4 » Translation
Sura 28
Aya 4
4
إِنَّ فِرعَونَ عَلا فِي الأَرضِ وَجَعَلَ أَهلَها شِيَعًا يَستَضعِفُ طائِفَةً مِنهُم يُذَبِّحُ أَبناءَهُم وَيَستَحيي نِساءَهُم ۚ إِنَّهُ كانَ مِنَ المُفسِدينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

निस्संदेह फ़िरऔन ने धरती में सरकशी की और उसके निवासियों को विभिन्न गिरोहों में विभक्त कर दिया। उनमें से एक गिरोह को कमज़ोर कर रखा था। वह उनके बेटों की हत्या करता और उनकी स्त्रियों को जीवित रहने देता। निश्चय ही वह बिगाड़ पैदा करनेवालों में से था