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Sura 28
Aya 16
16
قالَ رَبِّ إِنّي ظَلَمتُ نَفسي فَاغفِر لي فَغَفَرَ لَهُ ۚ إِنَّهُ هُوَ الغَفورُ الرَّحيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "ऐ मेरे रब, मैंने अपने आपपर ज़ुल्म किया। अतः तू मुझे क्षमा कर दे।" अतएव उसने उसे क्षमा कर दिया। निश्चय ही वही बड़ी क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है