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Sura 27
Aya 87
87
وَيَومَ يُنفَخُ فِي الصّورِ فَفَزِعَ مَن فِي السَّماواتِ وَمَن فِي الأَرضِ إِلّا مَن شاءَ اللَّهُ ۚ وَكُلٌّ أَتَوهُ داخِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और ख़याल करो जिस दिन सूर (नरसिंघा) में फूँक मारी जाएगी और जो आकाशों और धरती में है, घबरा उठेंगे, सिवाय उनके जिन्हें अल्लाह चाहे - और सब कान दबाए उसके समक्ष उपस्थित हो जाएँगे