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Sura 27
Aya 29
29
قالَت يا أَيُّهَا المَلَأُ إِنّي أُلقِيَ إِلَيَّ كِتابٌ كَريمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ग़रज़) हुद हुद ने मलका के पास ख़त पहुँचा दिया तो मलका बोली ऐ (मेरे दरबार के) सरदारों ये एक वाजिबुल एहतराम ख़त मेरे पास डाल दिया गया है