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Sura 26
Aya 127
127
وَما أَسأَلُكُم عَلَيهِ مِن أَجرٍ ۖ إِن أَجرِيَ إِلّا عَلىٰ رَبِّ العالَمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मै तो तुम से इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी उजरत तो बस सारी ख़ुदायी के पालने वाले (ख़ुदा) पर है