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Sura 25
Aya 8
8
أَو يُلقىٰ إِلَيهِ كَنزٌ أَو تَكونُ لَهُ جَنَّةٌ يَأكُلُ مِنها ۚ وَقالَ الظّالِمونَ إِن تَتَّبِعونَ إِلّا رَجُلًا مَسحورًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(कम से कम) इसके पास ख़ज़ाना ही ख़ज़ाना ही (आसमान से) गिरा दिया जाता या (और नहीं तो) उसके पास कोई बाग़ ही होता कि उससे खाता (पीता) और ये ज़ालिम (कुफ्फ़ार मोमिनों से) कहते हैं कि तुम लोग तो बस ऐसे आदमी की पैरवी करते हो जिस पर जादू कर दिया गया है