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Sura 25
Aya 49
49
لِنُحيِيَ بِهِ بَلدَةً مَيتًا وَنُسقِيَهُ مِمّا خَلَقنا أَنعامًا وَأَناسِيَّ كَثيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ताकि हम उसके ज़रिए से मुर्दा (वीरान) शहर को ज़िन्दा (आबाद) कर दें और अपनी मख़लूकात में से चौपायों और बहुत से आदमियों को उससे सेराब करें