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Sura 25
Aya 4
4
وَقالَ الَّذينَ كَفَروا إِن هٰذا إِلّا إِفكٌ افتَراهُ وَأَعانَهُ عَلَيهِ قَومٌ آخَرونَ ۖ فَقَد جاءوا ظُلمًا وَزورًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिन लोगों ने इनकार किया उनका कहना है, "यह तो बस मनघड़ंत है जो उसने स्वयं ही घड़ लिया है। और कुछ दूसरे लोगों ने इस काम में उसकी सहायता की है।" वे तो ज़ुल्म और झूठ ही के ध्येय से आए