25وَيَومَ تَشَقَّقُ السَّماءُ بِالغَمامِ وَنُزِّلَ المَلائِكَةُ تَنزيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जिस दिन आसमान बदली के सबब से फट जाएगा और फरिश्ते कसरत से (जूक दर ज़ूक) नाज़िल किए जाएँगे