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Sura 24
Aya 63
63
لا تَجعَلوا دُعاءَ الرَّسولِ بَينَكُم كَدُعاءِ بَعضِكُم بَعضًا ۚ قَد يَعلَمُ اللَّهُ الَّذينَ يَتَسَلَّلونَ مِنكُم لِواذًا ۚ فَليَحذَرِ الَّذينَ يُخالِفونَ عَن أَمرِهِ أَن تُصيبَهُم فِتنَةٌ أَو يُصيبَهُم عَذابٌ أَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अपने बीच रसूल के बुलाने को तुम आपस में एक-दूसरे जैसा बुलाना न समझना। अल्लाह उन लोगों को भली-भाँति जानता है जो तुममें से ऐसे है कि (एक-दूसरे की) आड़ लेकर चुपके से खिसक जाते है। अतः उनको, जो उसके आदेश की अवहेलना करते है, डरना चाहिए कि कही ऐसा न हो कि उनपर कोई आज़माइश आ पड़े या उनपर कोई दुखद यातना आ जाए