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Sura 24
Aya 6
6
وَالَّذينَ يَرمونَ أَزواجَهُم وَلَم يَكُن لَهُم شُهَداءُ إِلّا أَنفُسُهُم فَشَهادَةُ أَحَدِهِم أَربَعُ شَهاداتٍ بِاللَّهِ ۙ إِنَّهُ لَمِنَ الصّادِقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो लोग अपनी बीवियों पर (ज़िना) का ऐब लगाएँ और (इसके सुबूत में) अपने सिवा उनका कोई गवाह न हो तो ऐसे लोगों में से एक की गवाही चार मरतबा इस तरह होगी कि वह (हर मरतबा) ख़ुदा की क़सम खाकर बयान करे कि वह (अपने दावे में) जरुर सच्चा है