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Sura 24
Aya 53
53
۞ وَأَقسَموا بِاللَّهِ جَهدَ أَيمانِهِم لَئِن أَمَرتَهُم لَيَخرُجُنَّ ۖ قُل لا تُقسِموا ۖ طاعَةٌ مَعروفَةٌ ۚ إِنَّ اللَّهَ خَبيرٌ بِما تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) उन (मुनाफेक़ीन) ने तुम्हारी इताअत की ख़ुदा की सख्त से सख्त क़समें खाई कि अगर तुम उन्हें हुक्म दो तो बिला उज़्र (घर बार छोड़कर) निकल खडे हों- तुम कह दो कि क़समें न खाओ दस्तूर के मुवाफिक़ इताअत (इससे बेहतर) और बेशक तुम जो कुछ करते हो ख़ुदा उससे ख़बरदार है