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Sura 22
Aya 52
52
وَما أَرسَلنا مِن قَبلِكَ مِن رَسولٍ وَلا نَبِيٍّ إِلّا إِذا تَمَنّىٰ أَلقَى الشَّيطانُ في أُمنِيَّتِهِ فَيَنسَخُ اللَّهُ ما يُلقِي الشَّيطانُ ثُمَّ يُحكِمُ اللَّهُ آياتِهِ ۗ وَاللَّهُ عَليمٌ حَكيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) हमने तो तुमसे पहले जब कभी कोई रसूल और नबी भेजा तो ये ज़रूर हुआ कि जिस वक्त उसने (तबलीग़े एहकाम की) आरज़ू की तो शैतान ने उसकी आरज़ू में (लोंगों को बहका कर) ख़लल डाल दिया फिर जो वस वसा शैतान डालता है खुदा उसे बेट देता है फिर अपने एहकाम को मज़बूत करता है और खुदा तो बड़ा वाक़िफकार दाना है