You are here: Home » Chapter 22 » Verse 18 » Translation
Sura 22
Aya 18
18
أَلَم تَرَ أَنَّ اللَّهَ يَسجُدُ لَهُ مَن فِي السَّماواتِ وَمَن فِي الأَرضِ وَالشَّمسُ وَالقَمَرُ وَالنُّجومُ وَالجِبالُ وَالشَّجَرُ وَالدَّوابُّ وَكَثيرٌ مِنَ النّاسِ ۖ وَكَثيرٌ حَقَّ عَلَيهِ العَذابُ ۗ وَمَن يُهِنِ اللَّهُ فَما لَهُ مِن مُكرِمٍ ۚ إِنَّ اللَّهَ يَفعَلُ ما يَشاءُ ۩

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमनें देखा नहीं कि अल्लाह ही को सजदा करते है वे सब जो आकाशों में है और जो धरती में है, और सूर्य, चन्द्रमा, तारे पहाड़, वृक्ष, जानवर और बहुत-से मनुष्य? और बहुत-से ऐसे है जिनपर यातना का औचित्य सिद्ध हो चुका है, और जिसे अल्लाह अपमानित करे उस सम्मानित करनेवाला कोई नहीं। निस्संदेह अल्लाह जो चाहे करता है