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Sura 21
Aya 47
47
وَنَضَعُ المَوازينَ القِسطَ لِيَومِ القِيامَةِ فَلا تُظلَمُ نَفسٌ شَيئًا ۖ وَإِن كانَ مِثقالَ حَبَّةٍ مِن خَردَلٍ أَتَينا بِها ۗ وَكَفىٰ بِنا حاسِبينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और हम बज़नी, अच्छे न्यायपूर्ण कामों को क़ियामत के दिन के लिए रख रहे है। फिर किसी व्यक्ति पर कुछ भी ज़ुल्म न होगा, यद्यपि वह (कर्म) राई के दाने के बराबर हो, हम उसे ला उपस्थित करेंगे। और हिसाब करने के लिए हम काफ़ी है