86أُولٰئِكَ الَّذينَ اشتَرَوُا الحَياةَ الدُّنيا بِالآخِرَةِ ۖ فَلا يُخَفَّفُ عَنهُمُ العَذابُ وَلا هُم يُنصَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयही वे लोग है जो आख़िरात के बदले सांसारिक जीवन के ख़रीदार हुए, तो न उनकी यातना हल्की की जाएगी और न उन्हें कोई सहायता पहुँच सकेगी