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Sura 2
Aya 48
48
وَاتَّقوا يَومًا لا تَجزي نَفسٌ عَن نَفسٍ شَيئًا وَلا يُقبَلُ مِنها شَفاعَةٌ وَلا يُؤخَذُ مِنها عَدلٌ وَلا هُم يُنصَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और डरो उस दिन से जब न कोई किसी भी ओर से कुछ तावान भरेगा और न किसी की ओर से कोई सिफ़ारिश ही क़बूल की जाएगी और न किसी की ओर से कोई फ़िद्‌या (अर्थदंड) लिया जाएगा और न वे सहायता ही पा सकेंगे।