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Sura 2
Aya 30
30
وَإِذ قالَ رَبُّكَ لِلمَلائِكَةِ إِنّي جاعِلٌ فِي الأَرضِ خَليفَةً ۖ قالوا أَتَجعَلُ فيها مَن يُفسِدُ فيها وَيَسفِكُ الدِّماءَ وَنَحنُ نُسَبِّحُ بِحَمدِكَ وَنُقَدِّسُ لَكَ ۖ قالَ إِنّي أَعلَمُ ما لا تَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) उस वक्त क़ो याद करो जब तुम्हारे परवरदिगार ने फ़रिश्तों से कहा कि मैं (अपना) एक नाएब ज़मीन में बनानेवाला हूँ (फरिश्ते ताज्जुब से) कहने लगे क्या तू ज़मीन ऐसे शख्स को पैदा करेगा जो ज़मीन में फ़साद और खूँरेज़ियाँ करता फिरे हालाँकि (अगर) ख़लीफा बनाना है (तो हमारा ज्यादा हक़ है) क्योंकि हम तेरी तारीफ व तसबीह करते हैं और तेरी पाकीज़गी साबित करते हैं तब खुदा ने फरमाया इसमें तो शक ही नहीं कि जो मैं जानता हूँ तुम नहीं जानते