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Sura 2
Aya 267
267
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا أَنفِقوا مِن طَيِّباتِ ما كَسَبتُم وَمِمّا أَخرَجنا لَكُم مِنَ الأَرضِ ۖ وَلا تَيَمَّمُوا الخَبيثَ مِنهُ تُنفِقونَ وَلَستُم بِآخِذيهِ إِلّا أَن تُغمِضوا فيهِ ۚ وَاعلَموا أَنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ حَميدٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

ऐ ईमान लानेवालो! अपनी कमाई को पाक और अच्छी चीज़ों में से ख़र्च करो और उन चीज़ों में से भी जो हमने धरती से तुम्हारे लिए निकाली है। और देने के लिए उसके ख़राब हिस्से (के देने) का इरादा न करो, जबकि तुम स्वयं उसे कभी न लोगे। यह और बात है कि उसको लेने में देखी-अनदेखी कर जाओ। और जान लो कि अल्लाह निस्पृह, प्रशंसनीय है