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Sura 2
Aya 263
263
۞ قَولٌ مَعروفٌ وَمَغفِرَةٌ خَيرٌ مِن صَدَقَةٍ يَتبَعُها أَذًى ۗ وَاللَّهُ غَنِيٌّ حَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(सायल को) नरमी से जवाब दे देना और (उसके इसरार पर न झिड़कना बल्कि) उससे दरगुज़र करना उस खैरात से कहीं बेहतर है जिसके बाद (सायल को) ईज़ा पहुंचे और ख़ुदा हर शै से बेपरवा (और) बुर्दबार है