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Sura 2
Aya 234
234
وَالَّذينَ يُتَوَفَّونَ مِنكُم وَيَذَرونَ أَزواجًا يَتَرَبَّصنَ بِأَنفُسِهِنَّ أَربَعَةَ أَشهُرٍ وَعَشرًا ۖ فَإِذا بَلَغنَ أَجَلَهُنَّ فَلا جُناحَ عَلَيكُم فيما فَعَلنَ في أَنفُسِهِنَّ بِالمَعروفِ ۗ وَاللَّهُ بِما تَعمَلونَ خَبيرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और तुममें से जो लोग मर जाएँ और अपने पीछे पत्नियों छोड़ जाएँ, तो वे पत्नियों अपने-आपको चार महीने और दस दिन तक रोके रखें। फिर जब वे अपनी निर्धारित अवधि (इद्दत) को पहुँच जाएँ, तो सामान्य नियम के अनुसार वे अपने लिए जो कुछ करें, उसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं। जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसकी ख़बर रखता है