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Sura 2
Aya 216
216
كُتِبَ عَلَيكُمُ القِتالُ وَهُوَ كُرهٌ لَكُم ۖ وَعَسىٰ أَن تَكرَهوا شَيئًا وَهُوَ خَيرٌ لَكُم ۖ وَعَسىٰ أَن تُحِبّوا شَيئًا وَهُوَ شَرٌّ لَكُم ۗ وَاللَّهُ يَعلَمُ وَأَنتُم لا تَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(मुसलमानों) तुम पर जिहाद फर्ज क़िया गया अगरचे तुम पर शाक़ ज़रुर है और अजब नहीं कि तुम किसी चीज़ (जिहाद) को नापसन्द करो हालॉकि वह तुम्हारे हक़ में बेहतर हो और अजब नहीं कि तुम किसी चीज़ को पसन्द करो हालॉकि वह तुम्हारे हक़ में बुरी हो और ख़ुदा (तो) जानता ही है मगर तुम नही जानते हो