You are here: Home » Chapter 2 » Verse 20 » Translation
Sura 2
Aya 20
20
يَكادُ البَرقُ يَخطَفُ أَبصارَهُم ۖ كُلَّما أَضاءَ لَهُم مَشَوا فيهِ وَإِذا أَظلَمَ عَلَيهِم قاموا ۚ وَلَو شاءَ اللَّهُ لَذَهَبَ بِسَمعِهِم وَأَبصارِهِم ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

मानो शीघ्र ही बिजली उनकी आँखों की रौशनी उचक लेने को है; जब भी उनपर चमकती हो, वे चल पड़ते हो और जब उनपर अँधेरा छा जाता हैं तो खड़े हो जाते हो; अगर अल्लाह चाहता तो उनकी सुनने और देखने की शक्ति बिलकुल ही छीन लेता। निस्सन्देह अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है