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Sura 2
Aya 162
162
خالِدينَ فيها ۖ لا يُخَفَّفُ عَنهُمُ العَذابُ وَلا هُم يُنظَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की की जाएगी और न उन्हें मुहलत ही मिलेगी