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Sura 2
Aya 130
130
وَمَن يَرغَبُ عَن مِلَّةِ إِبراهيمَ إِلّا مَن سَفِهَ نَفسَهُ ۚ وَلَقَدِ اصطَفَيناهُ فِي الدُّنيا ۖ وَإِنَّهُ فِي الآخِرَةِ لَمِنَ الصّالِحينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और कौन है जो इबराहीम के तरीक़े से नफरत करे मगर जो अपने को अहमक़ बनाए और बेशक हमने उनको दुनिया में भी मुन्तिख़ब कर लिया और वह ज़रूर आख़ेरत में भी अच्छों ही में से होगे