You are here: Home » Chapter 2 » Verse 123 » Translation
Sura 2
Aya 123
123
وَاتَّقوا يَومًا لا تَجزي نَفسٌ عَن نَفسٍ شَيئًا وَلا يُقبَلُ مِنها عَدلٌ وَلا تَنفَعُها شَفاعَةٌ وَلا هُم يُنصَرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उस दिन से डरो, जब कोई न किसी के काम आएगा, न किसी की ओर से अर्थदंड स्वीकार किया जाएगा, और न कोई सिफ़ारिश ही उसे लाभ पहुँचा सकेगी, और न उनको कोई सहायता ही पहुँच सकेगी