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Sura 18
Aya 86
86
حَتّىٰ إِذا بَلَغَ مَغرِبَ الشَّمسِ وَجَدَها تَغرُبُ في عَينٍ حَمِئَةٍ وَوَجَدَ عِندَها قَومًا ۗ قُلنا يا ذَا القَرنَينِ إِمّا أَن تُعَذِّبَ وَإِمّا أَن تَتَّخِذَ فيهِم حُسنًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

यहाँ तक कि जब (चलते-चलते) आफताब के ग़ुरूब होने की जगह पहुँचा तो आफताब उनको ऐसा दिखाई दिया कि (गोया) वह काली कीचड़ के चश्में में डूब रहा है और उसी चश्में के क़रीब एक क़ौम को भी आबाद पाया हमने कहा ऐ जुलकरनैन (तुमको एख्तियार है) ख्वाह इनके कुफ्र की वजह से इनकी सज़ा करो (कि ईमान लाए) या इनके साथ हुस्ने सुलूक का शेवा एख्तियार करो (कि खुद ईमान क़ुबूल करें)