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Sura 18
Aya 52
52
وَيَومَ يَقولُ نادوا شُرَكائِيَ الَّذينَ زَعَمتُم فَدَعَوهُم فَلَم يَستَجيبوا لَهُم وَجَعَلنا بَينَهُم مَوبِقًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (उस दिन से डरो) जिस दिन ख़ुदा फरमाएगा कि अब तुम जिन लोगों को मेरा शरीक़ ख्याल करते थे उनको (मदद के लिए) पुकारो तो वह लोग उनको पुकारेगें मगर वह लोग उनकी कुछ न सुनेगें और हम उन दोनों के बीच में महलक (खतरनाक) आड़ बना देंगे