You are here: Home » Chapter 17 » Verse 107 » Translation
Sura 17
Aya 107
107
قُل آمِنوا بِهِ أَو لا تُؤمِنوا ۚ إِنَّ الَّذينَ أوتُوا العِلمَ مِن قَبلِهِ إِذا يُتلىٰ عَلَيهِم يَخِرّونَ لِلأَذقانِ سُجَّدًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (इसी वजह से) हमने उसको रफ्ता रफ्ता नाज़िल किया तुम कह दो कि ख्वाह तुम इस पर ईमान लाओ या न लाओ इसमें शक़ नहीं कि जिन लोगों को उसके क़ब्ल ही (आसमानी किताबों का इल्म अता किया गया है उनके सामने जब ये पढ़ा जाता है तो ठुडडियों से (मुँह के बल) सजदे में गिर पड़तें हैं