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Sura 15
Aya 29
29
فَإِذا سَوَّيتُهُ وَنَفَختُ فيهِ مِن روحي فَقَعوا لَهُ ساجِدينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो जिस वक्त मै उसको हर तरह से दुरुस्त कर चुके और उसमें अपनी (तरफ से) रुह फूँक दूँ तो सब के सब उसके सामने सजदे में गिर पड़ना