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Sura 14
Aya 18
18
مَثَلُ الَّذينَ كَفَروا بِرَبِّهِم ۖ أَعمالُهُم كَرَمادٍ اشتَدَّت بِهِ الرّيحُ في يَومٍ عاصِفٍ ۖ لا يَقدِرونَ مِمّا كَسَبوا عَلىٰ شَيءٍ ۚ ذٰلِكَ هُوَ الضَّلالُ البَعيدُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो लोग अपने परवरदिगार से काफिर हो बैठे हैं उनकी मसल ऐसी है कि उनकी कारस्तानियाँ गोया (राख का एक ढेर) है जिसे (अन्धड़ के रोज़ हवा का बड़े ज़ोरों का झोंका उड़ा लेगा जो कुछ उन लोगों ने (दुनिया में) किया कराया उसमें से कुछ भी उनके क़ाबू में न होगा यही तो पल्ले दर्जे की गुमराही है