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Sura 13
Aya 5
5
۞ وَإِن تَعجَب فَعَجَبٌ قَولُهُم أَإِذا كُنّا تُرابًا أَإِنّا لَفي خَلقٍ جَديدٍ ۗ أُولٰئِكَ الَّذينَ كَفَروا بِرَبِّهِم ۖ وَأُولٰئِكَ الأَغلالُ في أَعناقِهِم ۖ وَأُولٰئِكَ أَصحابُ النّارِ ۖ هُم فيها خالِدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर तुम्हें (किसी बात पर) ताज्जुब होता है तो उन कुफ्फारों को ये क़ौल ताज्जुब की बात है कि जब हम (सड़गल कर) मिट्टी हो जाएंगें तो क्या हम (फिर दोबारा) एक नई जहन्नुम में आंऎंगें ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार के साथ कुफ्र किया और यही वह लोग हैं जिनकी गर्दनों में (क़यामत के दिन) तौक़ पड़े होगें और यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये इसमें हमेशा रहेगें