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Sura 12
Aya 65
65
وَلَمّا فَتَحوا مَتاعَهُم وَجَدوا بِضاعَتَهُم رُدَّت إِلَيهِم ۖ قالوا يا أَبانا ما نَبغي ۖ هٰذِهِ بِضاعَتُنا رُدَّت إِلَينا ۖ وَنَميرُ أَهلَنا وَنَحفَظُ أَخانا وَنَزدادُ كَيلَ بَعيرٍ ۖ ذٰلِكَ كَيلٌ يَسيرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जब उन लोगों ने अपने अपने असबाब खोले तो अपनी अपनी पूंजी को देखा कि (वैसे ही) वापस कर दी गई है तो (अपने बाप से) कहने लगे ऐ अब्बा हमें (और) क्या चाहिए (देखिए) यह हमारी जमा पूंजी हमें वापस दे दी गयी है और (ग़ल्ला मुफ्त मिला अब इब्ने यामीन को जाने दीजिए तो) हम अपने एहलो अयाल के वास्ते ग़ल्ला लादें और अपने भाई की पूरी हिफाज़त करेगें और एक बार यतर ग़ल्ला और बढ़वा लाएंगें