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Sura 12
Aya 33
33
قالَ رَبِّ السِّجنُ أَحَبُّ إِلَيَّ مِمّا يَدعونَني إِلَيهِ ۖ وَإِلّا تَصرِف عَنّي كَيدَهُنَّ أَصبُ إِلَيهِنَّ وَأَكُن مِنَ الجاهِلينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "ऐ मेरे रब! जिसकी ओर ये सब मुझे बुला रही हैं, उससे अधिक तो मुझे क़ैद ही पसन्द है यदि तूने उनके दाँव-घात को मुझसे न टाला तो मैं उनकी और झुक जाऊँगा और निरे आवेग के वशीभूत हो जाऊँगा।"