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Sura 12
Aya 110
110
حَتّىٰ إِذَا استَيأَسَ الرُّسُلُ وَظَنّوا أَنَّهُم قَد كُذِبوا جاءَهُم نَصرُنا فَنُجِّيَ مَن نَشاءُ ۖ وَلا يُرَدُّ بَأسُنا عَنِ القَومِ المُجرِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

पहले के पैग़म्बरो ने तबलीग़े रिसालत यहाँ वक कि जब (क़ौम के ईमान लाने से) पैग़म्बर मायूस हो गए और उन लोगों ने समझ लिया कि वह झुठलाए गए तो उनके पास हमारी (ख़ास) मदद आ पहुँची तो जिसे हमने चाहा नजात दी और हमारा अज़ाब गुनेहगार लोगों के सर से तो टाला नहीं जाता