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Sura 11
Aya 81
81
قالوا يا لوطُ إِنّا رُسُلُ رَبِّكَ لَن يَصِلوا إِلَيكَ ۖ فَأَسرِ بِأَهلِكَ بِقِطعٍ مِنَ اللَّيلِ وَلا يَلتَفِت مِنكُم أَحَدٌ إِلَّا امرَأَتَكَ ۖ إِنَّهُ مُصيبُها ما أَصابَهُم ۚ إِنَّ مَوعِدَهُمُ الصُّبحُ ۚ أَلَيسَ الصُّبحُ بِقَريبٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

वह फरिश्ते बोले ऐ लूत हम तुम्हारे परवरदिगार के भेजे हुए (फरिश्ते हैं तुम घबराओ नहीं) ये लोग तुम तक हरगिज़ (नहीं पहुँच सकते तो तुम कुछ रात रहे अपने लड़कों बालों समैत निकल भागो और तुममें से कोई इधर मुड़ कर भी न देखे मगर तुम्हारी बीबी कि उस पर भी यक़ीनन वह अज़ाब नाज़िल होने वाला है जो उन लोगों पर नाज़िल होगा और उन (के अज़ाब का) वायदा बस सुबह है क्या सुबह क़रीब नहीं