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Sura 11
Aya 54
54
إِن نَقولُ إِلَّا اعتَراكَ بَعضُ آلِهَتِنا بِسوءٍ ۗ قالَ إِنّي أُشهِدُ اللَّهَ وَاشهَدوا أَنّي بَريءٌ مِمّا تُشرِكونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

हम तो बस ये कहते हैं कि हमारे ख़ुदाओं में से किसने तुम्हें मजनून (दीवाना) बना दिया है (इसी वजह से तुम) बहकी बहकी बातें करते हो हूद ने जवाब दिया बेशक मै ख़ुदा को गवाह करता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि तुम ख़ुदा के सिवा (दूसरों को) उसका शरीक बनाते हो