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Sura 11
Aya 34
34
وَلا يَنفَعُكُم نُصحي إِن أَرَدتُ أَن أَنصَحَ لَكُم إِن كانَ اللَّهُ يُريدُ أَن يُغوِيَكُم ۚ هُوَ رَبُّكُم وَإِلَيهِ تُرجَعونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

अगर ख़ुदा को तुम्हारा बहकाना मंज़ूर है तो मेरी ख़ैर ख्वाही कुछ भी तुम्हारे काम नहीं आ सकती वही तुम्हारा परवरदिगार है और उसी की तरफ तुम को लौट जाना है