23يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لا تَتَّخِذوا آباءَكُم وَإِخوانَكُم أَولِياءَ إِنِ استَحَبُّوا الكُفرَ عَلَى الإيمانِ ۚ وَمَن يَتَوَلَّهُم مِنكُم فَأُولٰئِكَ هُمُ الظّالِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! अपने बाप और अपने भाइयों को अपने मित्र न बनाओ यदि ईमान के मुक़ाबले में कुफ़्र उन्हें प्रिय हो। तुममें से जो कोई उन्हें अपना मित्र बनाएगा, तो ऐसे ही लोग अत्याचारी होंगे