117لَقَد تابَ اللَّهُ عَلَى النَّبِيِّ وَالمُهاجِرينَ وَالأَنصارِ الَّذينَ اتَّبَعوهُ في ساعَةِ العُسرَةِ مِن بَعدِ ما كادَ يَزيغُ قُلوبُ فَريقٍ مِنهُم ثُمَّ تابَ عَلَيهِم ۚ إِنَّهُ بِهِم رَءوفٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह नबी पर मेहरबान हो गया और मुहाजिरों और अनसार पर भी, जिन्होंने तंगी की घड़ी में उसका साथ दिया, इसके पश्चात कि उनमें से एक गिरोह के दिल कुटिलता की ओर झुक गए थे। फिर उसने उनपर दया-दृष्टि दर्शाई। निस्संदेह, वह उनके लिए अत्यन्त करुणामय, दयावान है