28وَاعلَموا أَنَّما أَموالُكُم وَأَولادُكُم فِتنَةٌ وَأَنَّ اللَّهَ عِندَهُ أَجرٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर यक़ीन जानों कि तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद तुम्हारी आज़माइश (इम्तेहान) की चीज़े हैं कि जो उनकी मोहब्बत में भी ख़ुदा को न भूले और वह दीनदार है