27يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لا تَخونُوا اللَّهَ وَالرَّسولَ وَتَخونوا أَماناتِكُم وَأَنتُم تَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानदारों न तो ख़ुदा और रसूल की (अमानत में) ख्यानत करो और न अपनी अमानतों में ख्यानत करो हालॉकि समझते बूझते हो