45إِنَّما أَنتَ مُنذِرُ مَن يَخشاهاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउस (के इल्म) की इन्तेहा तुम्हारे परवरदिगार ही तक है तो तुम बस जो उससे डरे उसको डराने वाले हो