43كُلوا وَاشرَبوا هَنيئًا بِما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"खाओ-पियो मज़े से, उस कर्मों के बदले में जो तुम करते रहे हो।"