36وَلا يُؤذَنُ لَهُم فَيَعتَذِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतो कोई उज़ पेश करें, (बात यह है कि) उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है