8وَيُطعِمونَ الطَّعامَ عَلىٰ حُبِّهِ مِسكينًا وَيَتيمًا وَأَسيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वे मुहताज, अनाथ और क़ैदी को खाना उसकी चाहत रखते हुए खिलाते है,