2إِنّا خَلَقنَا الإِنسانَ مِن نُطفَةٍ أَمشاجٍ نَبتَليهِ فَجَعَلناهُ سَميعًا بَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहमने इन्सान को मख़लूत नुत्फे से पैदा किया कि उसे आज़माये तो हमने उसे सुनता देखता बनाया